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Showing posts from November, 2022

ओलंपिक इतिहास में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट - कर्णम मल्लेश्वरी

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कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म 1 जून 1975 को श्रीकाकुलम आंध्र प्रदेश में हुआ था। कर्णम के पिता का नाम रामदास है, जो आरपीएफ में कॉन्स्टेबल है। मल्लेश्वरी जब केवल 9 साल की थीं, तब वह अपनी बड़ी बहन के साथ जिम जाती थीं। तभी उनकी रुचि खेलों में उत्पन्न हुई। कर्णम मल्लेश्वरी साल 1989 में मैनचेस्टर में विश्व चैंपियनशिप में तथा बीजिंग एशियन खेलों में वह भी 20 सदस्यी टीम के साथ भाग लेने गई थी। मल्लेश्वरी का विवाह हरियाणा के यमुनानगर की राजेश त्यागी के साथ हुआ। कर्णम मल्लेश्वरी ने अपने करियर की शुरुआत जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप से की जहां उन्होंने नंबर वन के पायदान पर कब्जा किया। साल 1992 के एशियन चैंपियनशिप में मल्लेश्वरी ने तीन रजत पदक जीते, लेकिन उनको सबसे बड़ी जीत 2000 में सिडनी ओलंपिक में मिली। वहां पर उन्होंने कांस्य पदक पर कब्जा किया और उसी पदक के साथ ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनी। इतना ही नहीं साल 1994 में कर्णम मल्लेश्वरी को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, 1995 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया और 1999 में पदम श्री पुरस्कार भी हासिल हुआ।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल साबित करने वाली - अहिल्याबाई होल्कर

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भारत की रानियां, महारानियां और मल्लिकाएं केवल अपने सौंदर्य और प्रतिभा के लिए ही नहीं जानी जाती बल्कि उनकी शक्ति, सामाजिक कार्य जैसे कारण से भी जानी जाती है। ऐसी ही एक महिला है जिन्होंने महिला सशक्तिकरण की मिसाल साबित की थी जिनका नाम है अहिल्याबाई होल्कर। अहिल्याबाई होल्कर अहिल्याबाई होल्कर मध्यप्रदेश के महेश्वर की कर्ताधर्ता थी और होल्कर साम्राज्य का एक अहम हिस्सा। उन्होंने कई लोगों के आक्रमण से अपने मालवा की रक्षा की और सामाजिक कार्य भी किए। होल्कर ने औरंगजेब द्वारा तोड़े हुए मंदिरों का दोबारा निर्माण करवाया साथ ही पूरे भारत में श्रीनगर, हरिद्वार, केदारनाथ, बदरीनाथ, सोमनाथ, महाबलेश्वर, इंदौर, प्रयाग, वाराणसी, काठमांडू आदि में बहुत से मंदिर बनवाए। अहिल्याबाई के पति की मृत्यु के बाद उनके ससुर ने उन्हें सती होने से रोका और उन्हें सैन्य शिक्षा दी जिसकी वजह से वह महिला सशक्तिकरण की मिसाल मानी जाती है। उन्होंने राजपूत, भील, दीवान, गंगाधर राव और कई विदेशी शासकों के आक्रमण से अपने राज्य को बचाया और उत्तराधिकारी की बागडोर भी संभाली। अहिल्याबाई ने केवल मंदिर ही नहीं बल्कि अनाथ आश्रम, सिंचाई टैं...

फोन फबिंग कर सकता है आपको अपनों से दूर - सुनिधि गर्ग

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अक्सर आपने देखा होगा कि जब हम किसी से बात करते हैं लेकिन उनसे जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते क्योंकि जिनसे आप बात कर रहे होते हैं वो तो फोन पर चिपके हुए हैं। आपके माता-पिता आपसे कुछ कह रहें होते हैं, पत्नी कुछ बता रही है, बच्चे कुछ पूछ रहे हैं और दोस्त आपसे बात कर रहे हैं लेकिन आपका ध्यान तो फोन पर है। Phone Phubbing यह सभी लक्षण फोन फबिंग के हैं। फोन फबिंग मतलब फोन के आगे अपनों को नजरंदाज करना । यह बहुत ख़तरनाक साबित हो सकता है। इससे केवल आपके अपने दूर ही नहीं होंगे बल्कि आपको नजरंदाज भी करने लगेंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा। ऑस्ट्रेलिया की चार्ल्स स्टुअर्ट यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर यसलीम अल सगफ ने फबिंग पर 170 शोधों पर अध्ययन करने के बाद "साइकोलॉजी ऑफ फबिंग" किताब लिखी।  फबिंग का बच्चों पर सबसे ख़तरनाक असर पड़ता है। वे खुद को कटा हुआ और अकेला महसूस करते हैं। इससे वे डिप्रेशन का भी शिकार हो सकते हैं। इसलिए माता-पिता अपने बच्चों से बात करते समय फोन का इस्तेमाल न करें।  फोन फबिंग से पति-पत्नी में भी लड़ाई-झगड़े बढ़ते हैं। साथी अपने आपको अकेला पाता है। वो आप पर शक करने लगत...

संविधान को निभाना हमारा कर्तव्य

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हमारा संविधान हमारे जीवन का अहम हिस्सा है जिसे निभाना केवल हमारा फ़र्ज़ नहीं बल्कि कर्तव्य भी बनता है। आपने कभी सोचा है कि अगर संविधान नहीं होता तो आज हम कहां और किस हालात में होते? अगर 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने संविधान को अपनाया नहीं होता तो शायद आज हमारा देश जिन ऊंचाइयों को छू रहा है वो हासिल नहीं हो पाता। जिस आराम भरी जिंदगी को हम जी रहे हैं न जाने किस हालात में होते।  Indian Flag हमारा सांस लेना भी संविधान की शक्ति का प्रतीक है। अपने हक़ के लिए डटे रहना और हर कर्तव्य को निभाना ही हमारे संविधान को जीना है। भारतीय संविधान दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस आज

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वैसे तो भारत में पति को परमेश्वर का दर्जा दिया गया है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वह इस पद के काबिल भी या नहीं? आज भी बहुत से पुरुष अपनी मर्दानगी अपनी पत्नी पर अत्याचार कर के साबित करते हैं। अत्याचार किसी भी तरीके का हो सकता है जैसे भावनात्मक, शारीरिक, यौन हिंसा।  नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार आज भी पंजाब में 11.6% महिलाएं, चंडीगढ़ में 9.7% और हिमाचल में 8.6% महिलाएं पति द्वारा शारीरिक और यौन हिंसा की शिकार होती है। सबसे ज्यादा स्थिति हरियाणा में ख़राब है जहां 17.9% महिलाएं इस अत्याचार का सामना करती है। इस दिन की शुरुआत 25 नवंबर 1960 में हुई थी जब पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल और एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल तीनों बहनों की क्रूरता से हत्या कर दी थी। इसलिए 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।  उस दिन अगर तीनों बहनें लड़ने का साहस न दिखाती तो यह दिवस नहीं मनाया जाता।  इसलिए आप सभी महिलाओं से अनुरोध है कि अगर आप भी किसी अत्याचार का शिकार हो रही है तो आज ही अपनी आवाज़ उठाएं...

एसटीडी ने बदला संपर्क का जरिया - सुनिधि गर्ग

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वैसे तो आज हर किसी के हाथ में ही फ़ोन नज़र आता है। इसलिए इसकी कीमत का एहसास हमें समझ नहीं आता है। जब भी मन किया कभी भी, कहीं भी, किसी को भी फ़ोन मिलाया और बात करली।  STD Phone लेकिन क्या आप जानते हैं एक समय ऐसा भी था जब बात करने के लिए कबूतर के द्वारा चिट्ठी या संदेश भेजे जाते थे। फिर धीरे-धीरे समय बदला और समय के साथ तकनीक। फिर 1960 में आज के ही दिन यानी 25 नवंबर को भारत में एसटीडी की सेवा शुरू हुई। एसटीडी की सेवा यानी एक से दूसरे शहर में फोन करने की सेवा।  सबसे पहला इस सेवा के जरिए फोन किया गया था कानपुर से लखनऊ। यह एक सफल प्रयोग था। इसके बाद इस सुविधा से न जाने कितने ही साल भारतीय जनता ने एसटीडी का प्रयोग किया।

उपनाम भारतीय टेनिस खिलाड़ी - सानिया मिर्जा

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15 नवंबर 1986 को सानिया का जन्म मुंबई के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिता जी का नाम इमरान मिर्जा और माताजी का नाम है नसीमा मिर्जा। वे दोनों प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं। सानिया जब 6 साल की थी तब उन्होंने टेनिस खेलना शुरू किया था। खेल के प्रति लग्न को देखकर उनके पिताजी ने स्कूल की छुट्टियों में सानिया को प्रशिक्षण दिलाया। समय के साथ दिन-प्रतिदिन खेल और कौशल होता रहा। सानिया ने अंडर 14 व अंडर 16 की राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतकर स्वयं को उत्कृष्ट खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया। Sania Mirza  सानिया के प्रथम गुरु महेश भूपति है जो भारत के जाने-माने टेनिस खिलाड़ी हैं। टेनिस के खिलाड़ी के रूप में सानिया की उपलब्धियां अद्वितीय रही हैं। वह भारत के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी रह चुकी हैं, जिन्होंने अपने टेनिस करियर में 6 ग्रेड स्लेम खिताब जीते, इसके अलावा इनके कुल 14 पदक भी हैं जिनमें 6 गोल्ड व 8 सिल्वर मेडल है। 2006 में भारत सरकार द्वारा सानिया मिर्जा को पद्मश्री से नवाजा गया। इसके अलावा 2004 में अर्जुन अवार्ड, 2015 में राजीव गांधी खेल रतन तथा 2016 में तीसरा बड़ा नागरिक सम्मान पद्म भूषण ...

मर्द को भी दर्द होता है - सुनिधि गर्ग

शर्माना, हिचकिचाना, रोना, दर्द जैसे शब्द आमतौर पर औरतों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन क्या ये सच है कि आदमियों को कभी दर्द नहीं होता, उन्हें रोना नहीं आता, या उनमें कोई शर्म नहीं होती? नहीं, ये सब केवल हमारे दिमाग से बनाई हुई धकोसले बातें है। सच तो यह है कि मर्द को भी दर्द होता है , उन्हें भी रोना आता है, शर्म महसूस होती है। बस फ़र्क इतना है कि वह औरतों की तरह जताते नहीं है।  "ऐसा नहीं है कि वो जता नहीं सकते,  बस अपनी जिम्मेदारियों के आगे सिर झुका नहीं सकते कभी बेटे के फ़र्ज़ को निभाने के लिए चुप हो जाते हैं, तो कभी बहन के लिए हर मुश्किलों से लड़ जाते हैं पति बनकर जिम्मेदारी उठाते हैं, तो कभी पिता बनकर अपनी खुशियों को कुर्बान कर जाते हैं।" बस ऐसे ही होते हैं आदमी, जिन्हें प्यार से समझा जा सकता है। इनकी कुछ ज्यादा मांग नहीं होती, अनुरोध होता है तो बस समझने का। तो मेरा सभी औरतों से अनुरोध है कि वह अपनी जिंदगी के हर आदमी यानी पिता, भाई, पति या बेटे को समझें और उन्हें भी अपना प्यार जताएं। वह भी प्यार योग्य है। आप सभी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

WHY SHOULD WOMEN HAVE ALL THE FUN? - SUNIDHI GARG

Maybe, the title will put you in a dilemma like when women have fun? Every time we are busy doing household chores, job work, running after children, etc., etc. There is no time for fun. Yes, you are absolutely right. But did you ever think about your husbands? Did they have time to enjoy their lives too? Did they manage work, business, house responsibilities, etc, etc? No. Every wife always complains to her husband for not doing this, doing that, or don't put it here or there. But at least, women have some holidays or space from their husbands when they go to their parental home. But, when do husbands get their space from their wives? Every husband has a right to take some holidays from their wife and enjoy some quality time with friends.  Why should women have all the fun? A man can also have fun and enjoy their life too.  So ladies, give some space to your husbands and make them enjoy their life. It will make your relationship healthier and make you closer to each other.

TWO HOMES OR HOMELESS - SUNIDHI GARG

In India, when a girl is born into a family, the first thing every person will say is,  "ye praya dhan hai", or "ladkiyan to prayi hoti hai." By this saying, a girl will never feel like her own home. After marriage, her in-laws will always say that she is from another family. Of this, she will never feel like her own home here too. But did anyone will ever say to a girl, "stay here beta, it's your own home only."  Except this, everyone will say, "go to your home," but no one mentions which home actually we have to go to?  Sometimes, this thing will break you from the inside, but you can't share your feelings with anyone. Sometimes, you will feel like you have two homes but basically, we don't have our own homes never.  But, nowadays, the time has changed and people's perspective about a girl has also changed. Now, usually, people don't say these things to their girl child and daughter-in-law.  It depends upon you and your fam...

THINKING ABOUT YOURSELF NEVER MAKES YOU HURT - SUNIDHI GARG

Am I looking good? Am I looking fat? Am I looking fair? Did my clothes suitable for this occasion? Did I overly dress? All these are the first questions that come to our mind when we are ready to go for any party, marriage, or occasion. But do we really think about ourselves? Why do we always want someone who checks us out and gives us remarks? Do we really need that? Did we ever think about it? No. The reason behind this is very simple cause we never think about ourselves first. We always think about what people think about us. But did you ever think, if this thing we will think, then what will people think?  "THREE MOST IMPORTANT THINGS IN YOUR LIFE - YOU, YOU AND ONLY YOU" Always think about yourself first. If you feel that you are looking good, then yes you are looking beautiful. If you think you are looking fat, also then you are looking gorgeous.  Every girl, or woman, always looks beautiful as they are. The only need for an hour is to accept yourself as what you are, b...