अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस आज
वैसे तो भारत में पति को परमेश्वर का दर्जा दिया गया है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वह इस पद के काबिल भी या नहीं?
आज भी बहुत से पुरुष अपनी मर्दानगी अपनी पत्नी पर अत्याचार कर के साबित करते हैं। अत्याचार किसी भी तरीके का हो सकता है जैसे भावनात्मक, शारीरिक, यौन हिंसा।
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार आज भी पंजाब में 11.6% महिलाएं, चंडीगढ़ में 9.7% और हिमाचल में 8.6% महिलाएं पति द्वारा शारीरिक और यौन हिंसा की शिकार होती है। सबसे ज्यादा स्थिति हरियाणा में ख़राब है जहां 17.9% महिलाएं इस अत्याचार का सामना करती है।
इस दिन की शुरुआत 25 नवंबर 1960 में हुई थी जब पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल और एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल तीनों बहनों की क्रूरता से हत्या कर दी थी। इसलिए 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
उस दिन अगर तीनों बहनें लड़ने का साहस न दिखाती तो यह दिवस नहीं मनाया जाता। इसलिए आप सभी महिलाओं से अनुरोध है कि अगर आप भी किसी अत्याचार का शिकार हो रही है तो आज ही अपनी आवाज़ उठाएं और चैन की जिंदगी जिएं।
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