एसटीडी ने बदला संपर्क का जरिया - सुनिधि गर्ग
वैसे तो आज हर किसी के हाथ में ही फ़ोन नज़र आता है। इसलिए इसकी कीमत का एहसास हमें समझ नहीं आता है। जब भी मन किया कभी भी, कहीं भी, किसी को भी फ़ोन मिलाया और बात करली।
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STD Phone |
लेकिन क्या आप जानते हैं एक समय ऐसा भी था जब बात करने के लिए कबूतर के द्वारा चिट्ठी या संदेश भेजे जाते थे। फिर धीरे-धीरे समय बदला और समय के साथ तकनीक।
फिर 1960 में आज के ही दिन यानी 25 नवंबर को भारत में एसटीडी की सेवा शुरू हुई। एसटीडी की सेवा यानी एक से दूसरे शहर में फोन करने की सेवा।
सबसे पहला इस सेवा के जरिए फोन किया गया था कानपुर से लखनऊ। यह एक सफल प्रयोग था। इसके बाद इस सुविधा से न जाने कितने ही साल भारतीय जनता ने एसटीडी का प्रयोग किया।
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