मर्द को भी दर्द होता है - सुनिधि गर्ग
शर्माना, हिचकिचाना, रोना, दर्द जैसे शब्द आमतौर पर औरतों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन क्या ये सच है कि आदमियों को कभी दर्द नहीं होता, उन्हें रोना नहीं आता, या उनमें कोई शर्म नहीं होती?
नहीं, ये सब केवल हमारे दिमाग से बनाई हुई धकोसले बातें है। सच तो यह है कि मर्द को भी दर्द होता है, उन्हें भी रोना आता है, शर्म महसूस होती है। बस फ़र्क इतना है कि वह औरतों की तरह जताते नहीं है।
"ऐसा नहीं है कि वो जता नहीं सकते,
बस अपनी जिम्मेदारियों के आगे सिर झुका नहीं सकते
कभी बेटे के फ़र्ज़ को निभाने के लिए चुप हो जाते हैं,
तो कभी बहन के लिए हर मुश्किलों से लड़ जाते हैं
पति बनकर जिम्मेदारी उठाते हैं,
तो कभी पिता बनकर अपनी खुशियों को कुर्बान कर जाते हैं।"
बस ऐसे ही होते हैं आदमी, जिन्हें प्यार से समझा जा सकता है। इनकी कुछ ज्यादा मांग नहीं होती, अनुरोध होता है तो बस समझने का। तो मेरा सभी औरतों से अनुरोध है कि वह अपनी जिंदगी के हर आदमी यानी पिता, भाई, पति या बेटे को समझें और उन्हें भी अपना प्यार जताएं। वह भी प्यार योग्य है।
आप सभी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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