भारत की सबसे पहली महिला शिक्षिका - सावित्रीबाई फुले

सावित्री बाई का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। वह न केवल भारत की सबसे पहले महिला शिक्षिका थी बल्कि एक कवित्री और समाज सुधारक भी थी। इनकी माता का नाम सत्यवती और पिताजी का नाम खंडोजी नेवैसे पाटिल था। Savitri Bai Phule सावित्रीबाई की शादी 1846 में हुई। शादी से पहले उनकी सास ने ईसाई मिशनरियों पर सावित्रीबाई को एक किताब लाकर दी। सावित्री बाई को पढ़ाया भी उनकी सास ने, जिसकी वजह से 1 जनवरी 1848 में भिड़े वाड़ा में लड़कियों के लिए एक स्कूल शुरू किया गया था। इसके साथ-साथ सावित्रीबाई ने सत्यशोधक समाज के कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने विचारों को फैलाने के लिए काव्या फुले और भावनाक्षी सुबोध रत्नाकर नामक कविताओं का एक संग्रह भी लिखा था। यही नहीं बल्कि उन्होंने कई क्रूर प्रथाओं जैसे सती, बाल विवाह इत्यादि का विरोध भी किया था। उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा स्थापित सत्यशोधक समाज के काम में भी अपना योगदान दिया था। सावित्रीबाई फुले ने समाज की भलाई के लिए अनेक भाषण दिए और उनका मिशन था कि वह अनाथों को अनाथालय प्रदान करें। जब 1897 में भयानक प्लेग फैला था तब सावित्रीबाई ने ...