महिला विवाहित हो या अविवाहित...24 हफ्तों से कम का सबको गर्भपात का हक
हालही में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जिसमें विवाहित महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित महिलाओं को भी गर्भधारण के 24 सप्ताह तक गर्भपात का सामान्य हक है। यह फैसला जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी रूल्स के नियम 3बी को विस्तार देते हुए सुनाया है।
यह फैसला 25 साल की अविवाहित युवती की याचिका पर सुनाया गया है। युवती ने 24 हफ्ते का गर्भ गिराने की मंजूरी मांगी थी। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। युवती अपनी याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची। वहां उसने कबूल किया कि उसने अपनी सहमति से संबंध बनाए थे जिससे वह गर्भवती हो गई। लेकिन बाद में उसके पार्टनर ने शादी करने से इंकार कर दिया। इसलिए अब वह गर्भपात करवाना चाहती है।
यह नियम समाज की दकियानूसी धारणा को खत्म करने के लिए बनाया है कि सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही शारीरिक संबंध बना सकती है। दुष्कर्म जैसे मामलों में भी अविवाहित को गर्भपात का हक है। वहीं अगर किसी महिला से उसका पति जबरन संबंध बनाता है और वह प्रेग्नेंट हो जाती है तो उसे भी गर्भपात का हक है।
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