रावण पर विजय पाने के लिए, पहले खुद राम बने
दशहरा हिंदू धर्म के लोगों का बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसे लगातार 10 दिन तक मनाया जाता है। इसीलिए इसे दशहरा कहते हैं। पहले नो दिन तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण का पुतला जला कर मनाते हैं।
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Dussehra |
वह सतयुग का समय था जिसमें केवल एक रावण था जिस पर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी। लेकिन यह कलयुग है जिसमें हर घर में रावण है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना मुश्किल है इसलिए सबसे पहले हमें हमारे अंदर के रावण को मारा होगा। अगर रावण पर विजय प्राप्त करनी है तो पहले खुद राम बनना होगा।
इसे केवल बाहर रावण के पुतले को जलाकर नहीं बल्कि अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर हर्ष उल्हास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर का रावण नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है।
ना जाने कितनी ही सदियों पहले रावण का अंत हो चुका है तो फिर आज वह हमारे बीच जीवित कैसे हैं? आज तो कई रावण है। उस रावण के दस सिर थे लेकिन हर सिर का एक की चेहरा था जबकि आज के रावण का सिर एक है पर चेहरे अनेक है, जो नकाबों के पीछे छिपे हैं।
इसलिए इनको खत्म करने के लिए साल में एक दिन काफी नहीं है। उस रावण को प्रभु श्रीराम ने धनुष से मारा था। आज हम सभी को राम बनकर उसे संस्कारों से, ज्ञान से और अपने इच्छा शक्ति से मारना होगा।
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