दीपावली खुशियों वाली

दीपावली यानी दीपों का त्योहार। हर साल जिसे हम बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इसमें न केवल छोटों का स्नेह मौजूद होता है बल्कि बड़ों का आशीर्वाद भी शामिल होता है। लेकिन आजकल के बच्चों को जहां अपने माता-पिता की ही इज्ज़त नहीं होती, उन्हें क्या पता होगा उनके आर्शीवाद का मूल्य। 



Happy Diwali


बस थोड़ी सी अनबन हुई नहीं कि छोड़ जाते है बुढ़े माता-पिता को अकेला। कभी सोचा है उन पर क्या बितती होगी। ऐसे ही नहीं वृद्धाश्रम में कमरों की कमी है। वहां अकेले बैठे करते रहते हैं अपने बच्चों व पोता-पोती का इंतजार लेकिन बदले में मिलता क्या है - अकेलापन।


तो आइए हम सब मिलकर इस दीपावली पर प्रण लेते हैं कि हम अपने व उन सभी बुजुर्गों के साथ कुछ समय व्यतीत कर उनके साथ त्योहार मनाएंगे। इससे उनका अकेलापन तो दूर होगा ही साथ ही मिलेगा आपको उनका ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद।

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