प्रथम अंतरिक्ष महिला यात्री - कल्पना चावला

कल्पना चावला को भारत की प्रथम महिला के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अंतरिक्ष पर पहुंच कर भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने ना केवल भारत देश में बल्कि विदेश में भी महान शख्सियत के रूप में नाम कमाया और भारत देश का गौरव बढ़ाया। 


कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1965 को करनाल हरियाणा में हुआ था उनके पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम सज्योति देवी था। कल्पना चावला के तीन भाई बहन और थे, जिसमें से वह सबसे छोटी थी। उन्हें प्यार से मोंटू कहकर बुलाया जाता था। बचपन से ही कल्पना को अंतरिक्ष में जाने की इच्छा थी, जिसके लिए उनके माता-पिता ने उनका साथ दिया और उन्हें आगे बढ़ने पर प्रोत्साहित किया।


कल्पना चावला ने अभियांत्रिकी में शिक्षा उपलब्ध करने के बाद धीरे धीरे अपनी उड़ान ली। मार्च 1995 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल होकर अपनी पहली उड़ान के लिए कदम बढ़ाया। 19 नवंबर 1997 को छह अंतरिक्ष यात्रियों के दल के साथ अंतरिक्ष का पहला मिशन शुरू हुआ जिसमें कल्पना चावला देश की पहली अंतरिक्ष महिला यात्री थी।


कल्पना चावला केवल अपनी अंतरिक्ष यात्रा के लिए मशहूर नहीं थी बल्कि साथ ही साथ उनका व्यक्तिगत जीवन भी प्रेरित करने के लिए काफी था। हमेशा बहादुर महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया जाता है इसलिए उनको काफी सम्मान भी दिए गए हैं जैसे नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक, नासा विशिष्ट सेवा पदक, कांग्रेसनल अंतरिक्ष पदक आदि। 


1983 में उन्होंने उड़ान प्रशिक्षक और विमानन लेखक जीन पियरे हैरिसन से शादी की। लेकिन कुछ समय बाद ही उनकी जिंदगी का एक बहुत अहम मोड़ सामने आया। उन्होंने अपनी दूसरी और आखरी उड़ान 16 जनवरी 2003 शटल कोलंबिया से भरी थी। लेकिन 1 फरवरी 2003 को धरती पर वापस आते हुए उनका यान टूट कर बिखर गया और उसी समय छह अंतरिक्ष यात्रियों समेत कल्पना चावला का भी निधन हो गया।


उसी दिन से कल्पना चावला का नाम हमारे देश और विदेश के लिए अमर बन चुका है। उन्होंने बहुत से कार्य ऐसे किए जिससे हमारे देश का नाम रोशन हुआ और हम सभी के लिए एक गौरव का विषय बना। उन्होंने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी थी और हमेशा इस बात पर जोर दिया था कि स्थिति चाहे जैसी भी हो आप कभी पीछे ना हटे और आगे बढ़ते चले जाएं। सच्ची मेहनत और लगन करने से ही आपकी मंजिल आपको मिल सकती हैं और इसी बात को देश के युवा आत्मसात करके आगे बढ़ रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

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